🌺 “3 Divine Blessings of 5 August 2025 Ekadashi & Mangal Gauri Vrat That Can Transform Your Life!”

Minorstudy
7 Min Read
Ekadashi & Mangal Gauri Vrat

🌿 आज के व्रत विशेष: श्रावण पुत्रदा एकादशी, चतुर्थ मंगला गौरी व्रत और दामोदर द्वादशी — इतिहास, तथ्य, महत्व व प्रभाव

दिनांक: 5 अगस्त 2025 | दिन: मंगलवार
व्रत:

Contents
🌿 आज के व्रत विशेष: श्रावण पुत्रदा एकादशी, चतुर्थ मंगला गौरी व्रत और दामोदर द्वादशी — इतिहास, तथ्य, महत्व व प्रभाव📜 1. श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत: इतिहास व तथ्य🔹 इतिहास:🔹 व्रत की विधि:🌸 2. मंगला गौरी व्रत (चतुर्थ): सौभाग्य की देवी का पूजन🔹 इतिहास:🔹 व्रत की विधि:🪔 3. दामोदर द्वादशी: भगवान विष्णु का विशेष दिन🔹 इतिहास:🔹 व्रत विधि:📅 व्रतों की टाइमलाइन – 5 अगस्त 2025 का पंचांग❓ Frequently Asked Questions (FAQs)Q1: क्या एक ही दिन तीन व्रत रखना संभव है?Q2: पुत्रदा एकादशी का प्रमुख लाभ क्या है?Q3: मंगला गौरी व्रत केवल विवाहित स्त्रियाँ ही कर सकती हैं?Q4: दामोदर द्वादशी में क्या विशेष पूजा होती है?🎯 इन व्रतों का महत्व हमारे जीवन में1. मन की शुद्धि और आत्म संयम2. सामाजिक एकता और परिवार का बल3. नारी शक्ति का जागरण4. बाल कल्याण और संतान सुख5. भक्ति और आध्यात्मिक जागरूकता🙏 शुभकामनाएं (Wishing Messages)📌 महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points)🧘‍♂️ निष्कर्ष: आज के व्रतों का दैनिक जीवन में प्रभाव
  • चतुर्थ मंगला गौरी व्रत

  • श्रावण पुत्रदा एकादशी

  • दामोदर द्वादशी

आज का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और शुभकारी है। एक ही दिन तीन व्रतों का संयोग होने से यह दिन अद्वितीय बन गया है। ऐसे योग दुर्लभ होते हैं जो जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

इस लेख में हम आज के तीनों व्रतों के इतिहास, तथ्य, महत्त्व, FAQs, समयरेखा, शुभकामनाएं, सामाजिक महत्त्व, और आपके दैनिक जीवन पर प्रभाव के बारे में सरल, मानवीय भाषा में जानेंगे।


📜 1. श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत: इतिहास व तथ्य

🔹 इतिहास:

पुत्रदा एकादशी हर साल दो बार आती है — श्रावण मास में और पौष मास में। श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी को विशेष महत्व प्राप्त है क्योंकि यह पुत्र सुख की प्राप्ति और संतान के कल्याण के लिए व्रत रूप में किया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, महिष्मती नगरी के राजा सुखेतुमान और रानी शैव्या ने इस व्रत के प्रभाव से पुत्र की प्राप्ति की थी। विष्णु पुराण और पद्म पुराण में इस व्रत का वर्णन आता है।

🔹 व्रत की विधि:

  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें

  • व्रत का संकल्प लें

  • दिनभर निर्जल या फलाहार रहकर भगवान विष्णु की पूजा करें

  • रात्रि जागरण और कथा श्रवण करें

  • अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करें


🌸 2. मंगला गौरी व्रत (चतुर्थ): सौभाग्य की देवी का पूजन

🔹 इतिहास:

मंगला गौरी व्रत प्रत्येक श्रावण मास के मंगलवार को किया जाता है। विशेषकर नवविवाहित महिलाएं इस व्रत को सौभाग्य, पति की लंबी आयु, समृद्धि और सुख-शांति के लिए करती हैं।

यह व्रत पार्वती माता को समर्पित है, जिन्होंने शिव को पाने हेतु कठोर तप किया था। उसी की स्मृति में यह व्रत किया जाता है।

🔹 व्रत की विधि:

  • सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें

  • देवी गौरी का पूजन करें – अक्षत, पुष्प, हल्दी, कुमकुम से

  • कथा श्रवण करें – शिव-पार्वती विवाह की कथा

  • सायं दीपदान करें और स्त्रियों को सौभाग्य सामग्री का दान करें


🪔 3. दामोदर द्वादशी: भगवान विष्णु का विशेष दिन

🔹 इतिहास:

श्रावण शुक्ल द्वादशी को भगवान दामोदर (श्रीकृष्ण का एक नाम) की पूजा की जाती है। विशेष रूप से इस दिन व्रजवासियों और वैष्णवों द्वारा व्रत रखकर भगवान दामोदर का अभिषेक किया जाता है।

यह व्रत भक्ति और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक है।

🔹 व्रत विधि:

  • द्वादशी तिथि में स्नान कर भगवान दामोदर की प्रतिमा को जल से स्नान कराएं

  • तुलसी पत्र, फूल, पंचामृत अर्पण करें

  • “ॐ दामोदराय नमः” मंत्र का जाप करें

  • कथा वाचन व भोजन में सात्विकता रखें


📅 व्रतों की टाइमलाइन – 5 अगस्त 2025 का पंचांग

विवरणसमय
तिथिएकादशी (दोपहर 1:12 PM तक), फिर द्वादशी
नक्षत्रज्येष्ठा (11:23 AM तक), फिर मूल
अभिजीत मुहूर्तदोपहर 12:00 PM से 12:53 PM
राहु काल03:48 PM – 05:28 PM
यमघण्ट10:12 AM – 11:06 AM
दिशाशूलदक्षिण दिशा

❓ Frequently Asked Questions (FAQs)

Q1: क्या एक ही दिन तीन व्रत रखना संभव है?

हाँ, इच्छाशक्ति और संयम के साथ व्रती सभी व्रतों के संकल्प लेकर एक साथ नियमों का पालन कर सकता है।

Q2: पुत्रदा एकादशी का प्रमुख लाभ क्या है?

यह व्रत संतान सुख, संतान की भलाई, और पारिवारिक समृद्धि प्रदान करता है।

Q3: मंगला गौरी व्रत केवल विवाहित स्त्रियाँ ही कर सकती हैं?

मुख्यतः नवविवाहित महिलाएँ करती हैं, परंतु कोई भी महिला यह व्रत पति व परिवार की खुशहाली के लिए कर सकती है।

Q4: दामोदर द्वादशी में क्या विशेष पूजा होती है?

भगवान श्रीकृष्ण के दामोदर रूप की पूजा होती है, जिसमें उन्हें रोप, दूध व तुलसी से स्नान कराया जाता है।


🎯 इन व्रतों का महत्व हमारे जीवन में

1. मन की शुद्धि और आत्म संयम

तीनों व्रतों का मूल उद्देश्य है स्व अनुशासन, ईश्वर भक्ति, और जीवन में नियंत्रण लाना।

2. सामाजिक एकता और परिवार का बल

इन व्रतों में घर की महिलाएं सामूहिक रूप से पूजा करती हैं, जिससे सामाजिक समरसता और पारिवारिक एकता बनती है।

3. नारी शक्ति का जागरण

मंगला गौरी व्रत स्त्रियों को सशक्त, आध्यात्मिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।

4. बाल कल्याण और संतान सुख

पुत्रदा एकादशी से संतानहीन दंपत्तियों को आशा मिलती है, और संतान की भलाई के लिए यह व्रत अत्यंत प्रभावी होता है।

5. भक्ति और आध्यात्मिक जागरूकता

दामोदर द्वादशी में भक्ति की भावनाओं के साथ विष्णु जी की उपासना आत्मा को शांति और दिव्यता प्रदान करती है।


🙏 शुभकामनाएं (Wishing Messages)

“श्रावण पुत्रदा एकादशी, मंगला गौरी व्रत और दामोदर द्वादशी की मंगलकामनाएं।
भगवान विष्णु, माता गौरी और श्रीकृष्ण आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
आपका जीवन सुखमय, समृद्ध और शांतिमय हो।”

🌸 “शुभ व्रत, शुभ फल, और शुभ जीवन की कामना करते हैं। आज का दिन आपके लिए मंगलकारी हो।”


📌 महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points)

  • आज एक ही दिन तीन पावन व्रतों का संगम है – जो दुर्लभ योग बनाता है।

  • व्रत के साथ सत्संग, ध्यान, कथा श्रवण और सेवा कार्य करें

  • दिशाशूल दक्षिण है, यात्रा करने से बचें या तुलसी लेकर निकलें।

  • राहु काल और यमघण्ट काल में कोई भी शुभ कार्य न करें।


🧘‍♂️ निष्कर्ष: आज के व्रतों का दैनिक जीवन में प्रभाव

आज का दिन केवल उपवास नहीं है, यह आत्म-परिशोधन और ईश्वर से जुड़ने का अवसर है।
तीनों व्रत हमें सिखाते हैं:

  • संतुलित जीवन जीना

  • परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाना

  • भक्ति और संयम के साथ जीना

  • सकारात्मक ऊर्जा और शुद्ध विचारों के साथ कार्य करना

इन व्रतों को जीवन में अपनाने से धर्म, कर्म और अध्यात्म का समन्वय होता है, जो हमारे मन, शरीर और आत्मा को बल देता है।

Warning
Warning
Warning
Warning.
Share This Article
Leave a Comment