7 Heartwarming Truths About Hariyali Teej Vrat That Will Brighten Your Day

Minorstudy
6 Min Read
Hariyali Teej Vrat

🌸 शुभ प्रभात! आपका दिन शुभ हो 🌸

पंचांग – 27 जुलाई 2025 (रविवार)

  • शक संवत: 1947

  • विक्रम संवत: 2082

  • दिशाशूल: पश्चिम

  • मास: श्रावण

  • पक्ष: शुक्ल पक्ष

  • तिथि: तृतीया (10:41 PM तक), फिर चतुर्थी

  • नक्षत्र: मघा (04:23 PM तक), फिर पूर्वाफाल्गुनी

  • अभिजित मुहूर्त: 12:00 PM से 12:54 PM

  • राहु काल: 05:33 PM से 07:15 PM

  • यमघण्ट: 01:49 PM से 02:43 PM

  • आज का व्रत: हरियाली तीज


हरियाली तीज व्रत: 7 प्रेरणादायक कारण जो आपके दिन को रोशन करेंगे

आज श्रावण शुक्ल तृतीया को व्रत रखने वाली महिलाएँ हरियाली तीज का व्रत शुरू कर रही हैं। इस पवित्र अवसर पर, आइये जानते हैं 7 पॉजिटिव और शक्तिशाली तथ्य जो आपकी आध्यात्मिक यात्रा में रौशनी भरेंगे।


1. व्रत का आध्यात्मिक इतिहास और पौराणिक महत्व

  • हरियाली तीज पौराणिक कथा के आधार पर मनाई जाती है—जहाँ सती देवी ने अपने पिता, महाराज दक्ष की अशोभनीय हरक़तों पर प्रह्लादोपम आनंद से आत्मदाह कर दिया था

  • यह त्योहार शिव और पार्वती की दिव्य एकता और सती की तपस्या का सम्मान है, जो जीवन में सच्ची भक्ति, बलिदान और संबंधों की पवित्रता को दर्शाता है।


2. व्रत के सात साधारण लेकिन सशक्त लाभ

  1. धैर्य और मानसिक शक्ति: निराहार व्रत से आत्मअनुशासन और मानसिक स्थिरता बढ़ती है।

  2. स्वास्थ्य लाभ: हल्के भोजन और संयम शरीर को स्वस्थ और हल्का बनाता है।

  3. सामाजिक जुड़ाव: मेल-मिलाप, गीत-नृत्य और उद्यान झूलों के माध्यम से महिलाओं में सामूहिक आनंद बढ़ता है।

  4. परिवार में प्रेम: सिंधरा भेजने और मिलने का उत्सव मायके संबंधों को मजबूत बनाता है।

  5. प्रकृति के प्रति जागरूकता: हरे रंग और प्रकृति से जुड़ाव परिवेश प्रेम को जागृत करता है।

  6. धार्मिक ज्ञान: कथा और पूजा विधि सीखना बच्चों और युवाओं को संस्कार देता है।

  7. आध्यात्मिक संदेश: सती की भक्ति और पार्वती की तपस्या से जीवन मूल्य सुदृढ़ होते हैं


3. वृत्तांत और समय-सारणी

घटनाविवरण
उत्पत्तिशिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव और सती की जोड़ी हरियाली तीज के माध्यम से स्थापित होती है।
कार्यों की रूपरेखासुबह स्नान → पूजा → निर्जल व्रत → गीत-नृत्य उत्सव → सिंधरा (उपहार) का आदान-प्रदान
प्रमुख समयआज तृतीया तिथि – 10:41 PM तक। सुबह भ्राताशेष, तात्कालिक शुभ समय में पूजा व व्रत करें।

4. व्रत नियम और पूजन विधि

  • स्नान और शुद्धता: शुभ प्रभात स्नान कर कच्चे भोजन से वर्जित रहें।

  • पूजा सामग्री: शिव-गौरी की मूर्ति, फूल, धूप, दीप, फल, नेवता एवं हल्दी ।

  • व्रत विधि: व्रत न करें—न जल, न भोजन—यह तपस्या सती की भक्ति को नमन करती है।

  • गीत और झूला: महिलाएँ पारंपरिक गीत गाकर झूलों पर झूलती हैं—प्रकृति उत्सव भी साथ में चलता है।

  • सिंधरा भेजना: पति की लंबी आयु और मंगल कामना हेतु शादीशुदा महिलाओं को मायके से सिंधरा भेजा जाता है।


5. महत्व और समकालीन प्रभाव

  • परिवार में सौहार्द बढ़ता है, खासकर तनापूर्ण वैवाहिक संबंधों में।

  • प्रकृति संरक्षण की भावना जगाता है — हरे रंग को पहनना और झूलों पर झूलना पर्यावरण से जुड़ने का प्रतीक है।

  • यह व्रत महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मसम्मान से जोड़ता है

  • सामाजिक मेलजोल बढ़ता है, आत्मीयता मजबूत होती है।


6. Wishing بـभाव (हार्दिक शुभकामनाएँ)

💐 “आपके जीवन में हरियाली तीज की हर झूला एक नई खुशहाली संजोए।”
🌿 “शिवमय दिन आपके जीवन में प्रेम, शांति व समृद्धि लाए।”
🪔 “ना जल, ना भोजन—केवल आत्मशुद्धि का व्रत आपको शक्ति दे।”


7. FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1: हरियाली तीज व्रत किस दिन होता है?
→ श्रावण शुक्ल तृतीया (आज: 27 जुलाई 2025)। परंपरागत रूप से तिथि समाप्ति के बाद व्रत किया जा सकता है।

Q2: क्या केवल विवाहित महिलाएं व्रत कर सकती हैं?
→ मुख्यतः विवाहित महिलाएं करती हैं, लेकिन कई अविवाहित महिलाएं भी भविष्योद्धार की कामना से व्रत रखती हैं।

Q3: क्या स्नान के बिना पूजा की जा सकती है?
→ लक्षय है, शुद्धता। पानी उपलब्ध न हो तो भगवत्पाठ, कथा सुनना, भजन से भी पूजा संभव है।

Q4: व्रत खोलते समय क्या किया जाए?
→ रात्रि के भोजन में हल्का फलाहार, सत्तू या फलों का रस व सब्ज़ियाँ ग्रहण करें।

Q5: बच्चों या बुजुर्गों को व्रत हर वर्ष मनाना चाहिए?
→ बच्चों व बुज़ुर्गों के लिए बिना व्रत किए पूजा-भजन, कथा-पाठ और सजावट से त्योहार का लाभ मिलता है।


✅ महत्वपूर्ण बिंदु (Key Points)

  • फ़ोकस कीवर्ड: हरियाली तीज व्रत

  • व्रत का पौराणिक आधार, शिव-पार्वती की कथा

  • व्रत शारीरिक-आध्यात्मिक दोहरा लाभ

  • परिवार, प्रकृति, और समाज में सकारात्मक प्रभाव

  • व्यवहारिक सरलता – पत्रिकाओं और सामूहिक मेलजोल के माध्यम से आज भी उत्सव संभव


🔚 निष्कर्ष – हरियाली तीज व्रत का असली संदेश

हरियाली तीज व्रत सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह एक जीवन संदेश है—जहां भक्ति, संयम, प्रेम, परिवार और प्रकृति सभी एक साथ जुड़ते हैं। आज जब हम यह व्रत रखते हैं, हम प्रकृति की हरियाली, सती की भक्ति और शिव-पार्वती की दिव्य एकता का स्मरण करते हैं।
इससे न केवल व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मकता आती है बल्कि परिवार, समाज और आंतरिक शांति को भी मजबूत बनती है।

इस शुभ दिन पर आइये हम संकल्प करें—
दिल से पूजा करें, प्रेम बांटें, सबको मिले शिव का आशीर्वाद।

Warning
Warning
Warning
Warning.
Share This Article
Leave a Comment